किस की है यह आवाज `यात्रीगण कृपया ध्यान दें` Sarla Choudhary



 किस की है यह आवाज `यात्रीगण कृपया ध्यान दें` Sarla Choudhary

किस की है यह आवाज `यात्रीगण कृपया ध्यान दें` Sarla Choudhary


यात्रीगण कृपया ध्यान दें यह आवाज रेलवे स्टेशन पर तो आपने जरूर सुनी होगी लेकिन आपको यह नहीं पता कि यह आवाज किसकी है। दोस्तों आज हम आपको बताते हैं कि इस मीठी और मशहूर आवाज को बोलने वाली महिला का क्या नाम है। जी हां आपको बता दें कि इस महिला का नाम है सरला चौधरी। आज हम आपको बताएंगे कि यह सरला चौधरी कौन है। 

दोस्तों देश में छोटे से लेकर बड़े रेलवे स्टेशनों पर यह आवाज आपने जरूर सुनी होगी। जिस तरह से आवाज की दुनिया के दोस्तों अमीन साहनी साहब मशहूर हैं और सारी दुनिया उनको जानती है।  बहुत से हजारों फिल्मी कलाकारों की उन्होंने इंटरव्यू की है और बिनाका गीतमाला भी उन्होंने प्रस्तुत किया है। उसी तरह से रेलवे स्टेशन के ऊपर अनाउंसमेंट करने वाली महिला सरला चौधरी का भी देश की एक लीजेंड आर्टिस्ट के रूप में नाम जाना जाएगा। पिछले 29 साल से रेलवे स्टेशनों पर उनकी आवाज सुनाई दे रही है। वह अभी इस पद पर नहीं है लेकिन आज भी हम उनकी आवाज रोजाना रेलवे स्टेशन पर सुनते हैं। पहले वह डेली वेजेस पर रेलवे में काम करती रही उसके बाद उनको पक्की नौकरी रेलवे ने दे दी थी। 

सरला  चौधरी बताती है कि बचपन से ही वह अपने पिताजी के साथ रेलवे स्टेशन पर जाती रहती थी पर यह सोचा नहीं था कि एक दिन वह रेलवे में कार्यरत होंगी। यह बात उन्होंने एक इंटरनेट के ऊपर वीडियो में इंटरव्यू के दौरान कही है। उनके पिता रेलवे में ही जॉब करते थे वह बताती है कि एक दिन उनके पिताजी ने कहा कि रेलवे में एक सर्कुलर आया जिसमें एक अनाउंसर की जरूरत है। जॉब मात्र 3 महीने की थी फिर क्या था सरला चौधरी अपने पिताजी के साथ इंटरव्यू देने चली गई। वहां पर आवाज टेस्ट की गई और भी कई लोग आए हुए थे तो काम बन गया। 13 जुलाई 1982 को सरला चौधरी ने नौकरी शुरी की । 13 महिलाओं का एक पूरा बैच था। इस से पहले स्टेशन के ऊपर कभी महिला की आवाज में अनाउंसमेंट नहीं हुई थी। 

जब नौकरी ज्वाइन कर ली और स्टेशन के ऊपर अनाउंसमेंट करनी शुरू कर दी गई तो लोग देखने आते थे एक महिला एनाउंसर को। क्योंकि इससे पहले कोई भी महिला अनाउंसर रेलवे में नहीं होती थी। वह बताती है कि खिड़की के पास लोगों की भीड़ लग जाती थी। यहां तक की लोग अपने बच्चों को दिखाने के लिए लेकर आते थे देखो दीदी कैसे अनाउंसमेंट कर रही है। वह बताती है कि पब्लिक का रिस्पांस इतना जबरदस्त रहा कि उनको निकाला ही नहीं गया 3 महीने के बाद भी अपनी नौकरी जारी रखने को रेलवे ने कह दिया। 

क्योंकि उस समय कंप्यूटर नहीं होता था तो काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। वह बताती है कि सन 1991 में कंप्यूटराइजेशन हो गया तो कंप्यूटर से काफी चीजें आसान होने लगी उससे पहले तो खुद ही अनाउसमेंट करनी पड़ती थी। यहां तक कि वह बताती है कि कंप्यूटर में आवाज रिकॉर्ड करके जब वह प्लेटफार्म पर जाती थी और अपनी आवाज सुनती थी तो उनको बहुत ही अच्छा लगता था।

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 उस समय इतनी एडवांस टेक्नोलॉजी नहीं थी। उनको कई स्टेशनों  के ऊपर अनाउंसमेंट करने के लिए जाना पड़ता था। बहुत मेहनत करनी पड़ती थी यह कोई आसान काम नहीं था एक महिला के लिए। क्योंकि 1 दिन में कई स्टेशंस के ऊपर उनको जाना पड़ता था और सही समय पर पहुंचकर अनाउंसमेंट भी करनी होती थी। उस समय टेक्नोलॉजी इतनी ज्यादा नहीं थी। एक अनाउंसमेंट को रिकॉर्ड करने के लिए 3 से 4 दिन लग जाया करते थे। उसके बाद कुछ वर्षों के बाद अनाउंसमेंट का काम ट्रेन मैनेजमेंट सिस्टम को दे दिया गया। 13 वर्ष पहले सरला चौधरी ने काम छोड़ दिया और रेलवे में ही ओ एच डिपार्टमेंट मैं ऑफिस सुपरीटेंडेंट लग गई। रेलवे द्वारा सरला चौधरी की आवाज को स्टैंड बय मोड पर रिकॉर्ड कर लिया गया। उसके बाद से ही आज तक हमें रेलवे स्टेशन पर उनकी आवाज सुनाई देती है। यात्री सरला चौधरी की आवाज को खूब पसंद करते हैं और जब उनकी अनाउंसमेंट शुरू होती है तो एकदम अलर्ट हो जाते हैं और बड़े ही ध्यान से उनकी आवाज को सुनते हैं। सपना चौधरी की आवाज रेलवे में और पूरे देश में एक अलग पहचान बन गई है।

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