गुलमोहर सिटी एक्सटेंशन में सीनियर्स ने मनाया वर्ल्ड लाफ्टर डे, संगीत, तंबोला और बचपन के खेलों ने बांधा समां
डेराबस्सी: स्थित गुलमोहर सिटी एक्सटेंशन में 4 मई को वर्ल्ड लाफ्टर डे के अवसर पर सीनियर सिटीज़न्स के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसने सभी उपस्थित लोगों के चेहरों पर मुस्कान और दिलों में ताज़गी भर दी। यह आयोजन ना केवल मनोरंजन का जरिया बना, बल्कि बुज़ुर्गों को आपसी संवाद, यादों और अनुभवों को साझा करने का एक सुंदर मंच भी प्रदान किया।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक अंदाज़ में हुई, जहां सीनियर्स ने एक-दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद शुरू हुआ संगीत का सिलसिला जिसमें पुराने गीतों ने सभी को भावुक कर दिया। संगीत के बाद फिटनेस गतिविधियाँ करवाई गईं, जिनमें सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह देखकर साफ ज़ाहिर हुआ कि उम्र महज़ एक संख्या है, जोश और जज़्बा कभी बूढ़ा नहीं होता।
कार्यक्रम का एक और आकर्षण रहा तंबोला, जो सभी उम्र के लोगों को पसंद आता है। सीनियर्स ने इस खेल में दिलचस्पी के साथ भाग लिया और विजेताओं को छोटे-छोटे इनाम भी दिए गए, जिससे माहौल और भी खुशनुमा हो गया। खास बात यह रही कि कार्यक्रम में बचपन के खेलों की भी झलक देखने को मिली । कई बुज़ुर्गों ने भावुक होकर कहा कि यह दिन उन्हें उनके बचपन की गलियों में वापस ले गया।
इस पूरे आयोजन की सबसे खूबसूरत बात यह रही कि जिस सदस्य का जन्मदिन उसी दिन था, उसका जन्मदिन पूरे समुदाय ने बड़े ही उत्साह और प्रेम से मनाया। केक काटने से लेकर बधाइयों तक, हर पल ने इस आयोजन को यादगार बना दिया। सीनियर्स ने बताया कि लंबे समय बाद उन्होंने ऐसा दिन बिताया जहां उन्होंने न सिर्फ मस्ती की, बल्कि आत्मीयता और अपनापन भी महसूस किया।
इस कार्यक्रम की सफलता में दिलबर भारत, सुनील खन्ना, नरेंद्र दोहान और अरुण वालिया जैसे समर्पित आयोजकों की अहम भूमिका रही। उन्होंने न केवल कार्यक्रम की तैयारी में सक्रिय भागीदारी निभाई, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि हर सीनियर सिटीज़न को सम्मान और खुशी का अनुभव हो।
कार्यक्रम के समापन पर एक नई घोषणा ने सभी को उत्साहित कर दिया – अब सीनियर सिटीज़न्स समुदाय महीने में दो बार ऐसे ही कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। यह न केवल सामाजिक जुड़ाव को बढ़ाएगा, बल्कि बुज़ुर्गों के जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा भी लाएगा।
गुलमोहर सिटी एक्सटेंशन की यह पहल समाज के लिए एक मिसाल बनकर उभरी है – कि बुज़ुर्ग हमारे अनुभव, धैर्य और ज्ञान के स्तंभ हैं, और उनका जीवन उल्लास और सक्रियता से भरा रहना चाहिए।