"रक्त नालियों में नहीं, नाड़ियों में बहना चाहिए"

 "रक्त नालियों में नहीं, नाड़ियों में बहना चाहिए"

113 निरंकारी श्रद्धालुओं ने किया  रक्तदान 



भाँखर पुर, निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन व पवित्र आशीर्वाद से संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वधान में स्थानीय संत निरंकारी सत्संग भवन, भाँखर पुर (त्रिवेदी कैंप) में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें कुल 113 श्रद्धालुओं ने रक्तदान किया। शिविर का शुभारंभ चंडीगढ़ जोन के जोनल इंचार्ज ओ.पी. निरंकारी जी ने स्थानीय मुखी श्री गुरदास ओबरॉय जी तथा अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों के साथ मिलकर अपने कर कमलों द्वारा किया। 

इस अवसर पर चंडीगढ़ जोन के जोनल इंचार्ज श्री ओ.पी. निरंकारी जी ने रक्तदाताओं द्वारा मानवता के लिए किए गए अनुकरणीय प्रयास के लिए सतगुरु माता सुदीक्षा जी से आशीर्वाद की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस शिविर का मूल उद्देश्य बाबा हरदेव सिंह जी की वाणी, "मानव को मानव प्यारा, एक दूजे का बने सहारा" को चरितार्थ करना है। सन् 1986 से लेकर अब तक संत निरंकारी मिशन द्वारा लगाए गए लगभग 9000 शिविरों में लगभग 1.5 मिलियन रक्त के यूनिट रक्तदान किए हैं। इसी संदर्भ में श्री ओ.पी. निरंकारी जी ने बताया कि वर्ष 2025-26 के दौरान चंडीगढ़ जोन में लगभग 20 रक्तदान शिविर लगाए जा रहे हैं जिनमें लगभग 3000 रक्तदाता रक्तदान करेंगे। 



     आज की वर्तमान परिस्थिति में भी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज, बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के संदेश "रक्त नालियों में नहीं, नाड़ियों में बहना चाहिए" को अपनाकर  मानवता को बचाने के लिए जीवन जीने की प्रेरणा दे रहे हैं।

भाँखर पुर के मुखी गुरदास ओबरॉय जी ने जोनल इंचार्ज ओ.पी. निरंकारी जी और विशेष रूप से आये क्षेत्रिय संचालक श्री राजेश गौड़ जी सहित आसपास के क्षेत्रों से आई साधसंगत व विशेष कर सभी रक्तदाताओं एवं सरकारी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल, सैक्टर 16, चंडीगढ़ से आई डॉक्टरों की 16 सदस्यों की टीम का शिविर में पहुंचने पर धन्यवाद व आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सतगुरु माता जी का यही संदेश है कि "रक्तदान से रक्त संबंध है।"रक्तदान केवल सामाजिक कार्य न होकर मानवीयता का एक ऐसा दिव्य गुण है जो योगदान की भावना को दर्शाता है।’

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