आईपीएल खिलाड़ी एक सीजन में कितना हवाई सफर करता है? जानिए चौंकाने वाले आंकड़े

 आईपीएल खिलाड़ी एक सीजन में कितना हवाई सफर करता है? जानिए चौंकाने वाले आंकड़े



भारतीय प्रीमियर लीग (IPL) न केवल भारत का बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा और लोकप्रिय टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट बन चुका है। यहां खिलाड़ी जबरदस्त परफॉर्मेंस दिखाने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मैदान पर पसीना बहाने से पहले और बाद में उन्हें कितनी यात्रा करनी पड़ती है?

आईपीएल खिलाड़ियों के लिए क्रिकेट जितना चुनौतीपूर्ण है, उतना ही चुनौतीपूर्ण है हर मैच के लिए लगातार एक शहर से दूसरे शहर का सफर करना। और ये सफर आम सफर नहीं होता, बल्कि हवाई जहाज़ से हजारों किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि एक आईपीएल खिलाड़ी पूरे सीजन में औसतन कितना हवाई सफर करता है और इसके पीछे क्या कारण हैं।


आईपीएल में टीमों की लोकेशन


आईपीएल में इस समय 10 टीमें हिस्सा ले रही हैं। हर टीम का एक घरेलू मैदान (Home Ground) होता है, जहां वो आधे मैच खेलती है। बाकी के मैच दूसरी टीमों के शहरों में जाकर खेलने होते हैं। टीमों के मुख्य शहर निम्नलिखित हैं:


- मुंबई इंडियंस – मुंबई  

- चेन्नई सुपर किंग्स – चेन्नई  

- कोलकाता नाइट राइडर्स – कोलकाता  

- दिल्ली कैपिटल्स – दिल्ली  

- रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर – बेंगलुरु  

- पंजाब किंग्स – मोहाली  

- राजस्थान रॉयल्स – जयपुर  

- लखनऊ सुपर जायंट्स – लखनऊ  

- गुजरात टाइटंस – अहमदाबाद  

- सनराइजर्स हैदराबाद – हैदराबाद  


इन सभी शहरों की आपसी हवाई दूरी काफी ज्यादा होती है। उदाहरण के लिए, दिल्ली से चेन्नई की हवाई दूरी लगभग 2,200 किलोमीटर है, वहीं मुंबई से कोलकाता की दूरी करीब 2,000 किलोमीटर।


टीमों का शेड्यूल और सफर

हर टीम लीग स्टेज में 14 मैच खेलती है – 7 होम और 7 अवे। यानी एक टीम को कम से कम 7 अलग-अलग शहरों की यात्रा करनी ही होती है। और ये यात्रा सामान्य सड़क मार्ग से नहीं, बल्कि हवाई यात्रा से होती है ताकि समय और थकावट की बचत हो सके।

एक खिलाड़ी यदि हर मैच के लिए अलग-अलग शहर की यात्रा करता है और हर शहर के बीच औसतन 1,200 किलोमीटर की दूरी मानी जाए, तो:


- 7 शहर x 1,200 किमी = 8,400 किमी (एक तरफ)

- आने-जाने का जोड़ = 16,800 किमी


अब इसमें टीम का कैंप, ट्रेनिंग, रेस्ट डेज़ और प्लेऑफ के लिए एक्स्ट्रा सफर भी जोड़ दें, तो कुल दूरी हो जाती है लगभग 20,000 से 25,000 किलोमीटर तक।


 प्लेऑफ और फाइनल में जुड़ता है अतिरिक्त सफर


अगर कोई टीम प्लेऑफ या फाइनल तक पहुंचती है, तो उसे 2–3 अतिरिक्त मैच खेलने होते हैं, जो अक्सर न्यूट्रल वेन्यू पर होते हैं। उदाहरण के लिए, क्वालिफायर-1 मुंबई में, एलिमिनेटर चेन्नई में और फाइनल अहमदाबाद में हो सकता है। इससे दूरी और बढ़ जाती है।

ऐसे में खिलाड़ी एक सीजन में 25,000 किलोमीटर तक का सफर कर सकता है, जो पृथ्वी के एक चक्कर (करीब 40,000 किमी) का लगभग 60% है!


 यह सफर क्यों मायने रखता है?

- फिटनेस पर असर: बार-बार उड़ान भरना खिलाड़ियों के शरीर पर असर डालता है। Jet lag, नींद की कमी और थकावट से प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।

- प्रैक्टिस टाइम कम:सफर की वजह से खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने का समय कम मिलता है।

-टीम मैनेजमेंट का टास्क: लॉजिस्टिक्स, होटल बुकिंग, टीम बसें, खाना – इन सबका ध्यान रखना आसान नहीं होता।


 कुछ दिलचस्प तुलना

- एक सामान्य भारतीय नागरिक साल भर में औसतन 500 से 1,000 किलोमीटर की ही हवाई यात्रा करता है।

- वहीं एक आईपीएल खिलाड़ी महज़ 2 महीने में 20,000 किलोमीटर से अधिक की हवाई यात्रा करता है।


क्या इसका कोई हल है?


BCCI और आईपीएल फ्रैंचाइज़ी लगातार प्रयास कर रही हैं कि खिलाड़ियों की थकावट कम हो। कुछ उपाय:


- एक ही शहर में लगातार दो मैच रखना।

- एक टीम को एक साथ दो होम या दो अवे मैच देना।

- चार्टर्ड फ्लाइट्स का इस्तेमाल करना।

हालांकि, टूर्नामेंट की तीव्रता और कम समय की वजह से सफर को पूरी तरह टालना संभव नहीं है।

निष्कर्ष

आईपीएल का रोमांच सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं है। इसके पीछे की मेहनत, रणनीति, यात्रा और समर्पण खिलाड़ियों को एक अलग ही स्तर पर ले जाती है। जब आप अगली बार किसी खिलाड़ी को मैदान पर थका हुआ या स्ट्रैचिंग करते हुए देखें, तो याद रखें – हो सकता है वो पिछले 24 घंटों में 2,000 किलोमीटर की हवाई यात्रा कर चुका हो।

तो अगली बार जब आप कहें "ये तो सिर्फ टी20 मैच है", तो ज़रा उस खिलाड़ी के सफर और मेहनत के बारे में भी सोचिए।

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